Wednesday, February 21, 2018

हैरी पॉटर


ऑफिस में सब हैरी पॉटर पढ़ते हैं। उनकी बिरादरी में शामिल होने के लिए मैंने भी कई बार कोशिश की कि हैरी पॉटर पढूं और जितना मज़ा मंटो पढ़ते हुए लेती हूं उतने ही मज़े से पढूं। पर मज़ा नही आता...और मैं हर बार हैरी के उस जादुई स्कूल में पहुंचने से पहले ही हार मान जाती हूँ।

ऑफिस में कोई गुलज़ार नही पढ़ता। ऑफिस में कोई रितुपोर्नो की मूवीज नही देखता।

कल 'त्रिवेणी' एक बार फिर पढ़ी। पिछले महीने शरू की रितुपोर्नो की 'शोब चोरित्रो काल्पनिक' खत्म की।

वो सीन याद आता रहा जहां राधा इंद्रनील की आखरी कविता पढ़ती हैं, और चीखती है उसपे कि उसने, उसकी कविता क्यों चुराई। कुछ समझ नही आता...
और अगले ही सीन में वो अपनी अंग्रेज़ी कविता सुनाती हैं जो हूबहू इंद्रनील की बंगला कविता से मेल खाती हैं।

त्रिवेणी के पहले दो शेर मुकम्मल तो लगते हैं। पर कवि क्या कहना चाह रहा हैं ये तीसरे मिसरे से ही पता चलता हैं।

मैंने रितुपोर्नो की कई मूवीज देखी। गुलज़ार को कई बार पढ़ा। पर कल ये दोनों पहली बार एक से लगे। जैसे बरसो की दोस्ती हो इनकी...और फिर नौकरी चाकरी के चक्कर मे अलग अलग देश चले गए हो...मिलते नहीं...पर अब भी एक सा सोचते हो...अब भी कोई एक सा तकियाकलाम हो उनका...अब भी कोई ऐसी एक गुप्त बात हो उनकी जिस पर वो दोनों ही हंस सकते हो...

पर ये दिलचस्प बात किससे कहूँ? रितुपोर्नो और गुलज़ार एक से हैं इस पर घंटो किससे गप्पे लड़ाऊं? ऑफिस में तो सब हैरी पॉटर पढ़ते हैं!
ऑफिस में कोई गुलज़ार नही पढ़ता....ऑफिस में कोई रितुपोर्नो की मूवीज़ नही देखता...

https://youtu.be/9a0mNDKWBpI

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