Saturday, January 30, 2016

Main Maa hu....

1 comment:


  1. बहुत खूब , शब्दों की जीवंत भावनाएं... सुन्दर चित्रांकन
    कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
    http://madan-saxena.blogspot.in/
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    http://madanmohansaxena.blogspot.in/
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    one of my Gazal written on " Mother"
    बदलते बक्त में मुझको दिखे बदले हुए चेहरे
    माँ का एक सा चेहरा , मेरे मन में पसर जाता

    नहीं देखा खुदा को है ना ईश्वर से मिला मैं हुँ
    मुझे माँ के ही चेहरे मेँ खुदा यारों नजर आता

    मुश्किल से निकल आता, करता याद जब माँ को
    माँ कितनी दूर हो फ़िर भी दुआओं में असर आता

    उम्र गुजरी ,जहाँ देखा, लिया है स्वाद बहुतेरा
    माँ के हाथ का खाना ही मेरे मन में उतर पाता

    खुदा तो आ नहीं सकता ,हर एक के तो बचपन में
    माँ की पूज ममता से अपना जीबन , ये संभर जाता

    जो माँ की कद्र ना करते ,नहीं अहसास उनको है
    क्या खोया है जीबन में, समय उनका ठहर जाता


    मदन मोहन सक्सेना

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